भक्ति की शक्ति
भक्ति की शक्ति
भक्ति में अद्भुत अपार शक्ति होती है
भाव भरे मन की वीणा झंकृत होती है।
श्रद्धा से जब अंतर उपासना होती है
भक्त पर भगवान की असीम कृपा होती है।
स्नेह, समर्पण, आनंद भक्ति में समाया है
सही विधि विधान भक्ति का आधार है।
सरल निर्मल भाव से प्रभु प्रसन्न होते हैं
ज्योति से जगमग पवित्र वरदान देते हैं ।
भक्ति में जिसके प्यास है, शक्ति उसके साथ है
भक्ति में जिसके प्रेम है, हर मुराद उसकी पूरी है।
राम की भक्ति में रमकर रामायण को अंजाम मिला
श्री कृष्ण के सानिध्य में भव्य गीता का उपहार मिला।
मीरा की भक्ति ने विष को अमृतमयी किया
प्रह्लाद की भक्ति ने होलिका का नाश किया।
कबीर की भक्ति ने सतत साधना को अपनाया
तुलसीदास ने भक्ति को सरल स्वाभाव बनाया।
कुदरत के हर कण में भगवान की छवि मिलती है
उत्सवी भक्ति से आनंद की अश्रुधार निकलती है।
भक्ति की लंबी यात्रा में कदम पीछे नहीं हटाते हैं
तरसे नयनों से दुर्लभ दर्शन पाकर धन्य हो जाते हैं।