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Kumar Vikash

Drama

4.9  

Kumar Vikash

Drama

भावना

भावना

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भावना बिन इन्सान इन्सान नहीं

भावना बिन संबंधों की बहार नहीं !


भावना ही सुख का कारण है

भावना ही दुख का कारण है !


भावना से ही भगवान है

भावना से ही संसार है !


इन्सान बदल रहा है

संसार बदल रहा है !


भावना विहीन होकर

सारा ये जहान बदल रहा है !


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