भारत देश
भारत देश
सबके हृदय की प्यारी, है संस्कृति हमारी।
मिल-जुल कर रहना सिखाती, ऐसी रीति है हमारी।।
मंदिर जाओ या मस्जिद, गिरजाघर हो या गुरुद्वारा।
कोई रोक-टोक नहीं है ऐसी धर्मनिरपेक्षता हमारी।।
मात-पिता की सेवा करना, गुरु का मान रखना।
सबको गले लगाना ऐसी सभ्यता है हमारी।।
भारत देश है ऐसा, जहां संतों ने इसको सींचा।
बह रही प्रेम की धारा, ऐसा अध्यात्म है हमारा।।
हिंदू हो या मुस्लिम, सिख हो या इसाई।
सब मिलजुलकर गा रहे हैं, ऐसा हिंदुस्ता हमारा।।
कन्याओं का जहां होता पूजन, नारी है घर की लक्ष्मी।
तभी देश है सुरक्षित, ऐसी परंपरा है हमारी।।
दुश्मन को भी गले लगाता, प्रेम से उसे समझाता।
तभी भारत देश निराला, ऐसी नियत है हमारी।।
धन्य है वह इंसान, जिसकी मातृभूमि है भारत।
"नीरज" गर्व से है कहता," भारत देश" है हमारा।।