Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

AJAY AMITABH SUMAN

Abstract Inspirational

4  

AJAY AMITABH SUMAN

Abstract Inspirational

भाप बना पानी सागर से

भाप बना पानी सागर से

1 min
227


पानी का स्वभाव है ऊपर से नीचे को बहना। आप पानी को कहीं भी रख दें, वो सर्वदा नीचे की ओर बहता है, फिर चाहे वो नदिया हो या कि झरना। पानी को अपने स्वभाव से विपरित दिशा में, यानी कि नीचे से ऊपर ले जाने में अथक परिश्रम करने पड़ते हैं, फिर चाहे कि वो नीचे से छत पर हीं ले जाना क्यों ना हो। लेकिन मिट्टी का जल पौधों में जड़ों द्वारा खींचकर पत्तों पर ले जाना कैसे संभव हो पाया ? आखिर कौन सी वो शक्ति है जो पौधों में पानी को अपने स्वभाव के विपरित दिशा में, अर्थात नीचे से ऊपर की ओर जाने को बाध्य करती है ?


भाप बना पानी सागर से

बादल पर ले जाता कौन


भाप बना पानी सागर से, 

बादल पर ले जाता कौन ?

और भाप को बुंद बना फिर,

सागर में बरसाता कौन ?


छत से तल को नीचे पानी,

बहते बहते खुद हीं जाय,

किंतु ऊपर छत को पानी,

चढ़े नहीं बिन किए उपाय।


क्योंकि नीचे से पानी खुद,

ना ऊपर को चढ़ पाता है,

श्रम करने पड़ते कितने पानी,

से तब नर लड़ पाता है।


पर अज्ञात पेड़ में कैसे, 

पानी पत्तों पर गढ़ जाए ?

मिट्टी का पानी जड़ से ये, 

कैसे ऊपर को चढ़ पाए ?


नीचे से ऊपर को पानी,  

पौधों में रख आता कौन ?

भाप बना पानी सागर से,

बादल पर ले जाता कौन ?


और भाप को बुंद बना फिर,

सागर में बरसाता कौन ?


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract