बहाने हैं बेशुमार
बहाने हैं बेशुमार
काम न करने वालों के पास में,
एक-दो नहीं बहाने हैं बेशुमार।
मगर काम करने वाले के पास,
हरदम ही रहते हैं काम हजार।
कामचोर-आलसी तो बहुधा ही,
काम तो नहीं कुछ भी हैं करते।
अगर किया भी तो ऐसे करेंगे,
देने वाले दुबारा देने में हैं डरते।
अब्बल तो उन्हें काम देना नहीं,
दें तो भलीभांति ही करके विचार।
काम न करने वालों के पास में,
एक-दो नहीं बहाने हैं बेशुमार।
मगर काम करने वाले के पास,
हरदम ही रहते हैं काम हजार।
प्रभु की इस अनुपम सृष्टि में,
हर सृजित कृति ही है उत्कृष्ट।
प्रकृति का हर कण हर पल ही,
है क्रियाशील और अति विशिष्ट।
स्थिर न कोई भी जड़ या चेतन,
सतत् गति में ही है समग्र संसार।
काम न करने वालों के पास में,
एक-दो नहीं बहाने हैं बेशुमार।
मगर काम करने वाले के पास,
हरदम ही रहते हैं काम हजार।