भाई भाई
भाई भाई
भाई भाई म्ह नहीं, ईब दिखता प्यार।
मन ही मन म्ह खींच ले, नफरत की दीवार।
नफरत की दीवार, खिची है हर घर आँगण।
ल्हाज शर्म इब देख, लगे खूंटी पै टाँगण।
रहे नहीं संस्कार, रही ना कती समाई।
बिखर गए परिवार, रिपु बणे भाई भाई।
भाई भाई म्ह नहीं, ईब दिखता प्यार।
मन ही मन म्ह खींच ले, नफरत की दीवार।
नफरत की दीवार, खिची है हर घर आँगण।
ल्हाज शर्म इब देख, लगे खूंटी पै टाँगण।
रहे नहीं संस्कार, रही ना कती समाई।
बिखर गए परिवार, रिपु बणे भाई भाई।