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अधिवक्ता संजीव रामपाल मिश्रा बाबा

Tragedy

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अधिवक्ता संजीव रामपाल मिश्रा बाबा

Tragedy

बेरोजगारी

बेरोजगारी

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बेरोजगारी चरम सीमा पर है,

महंगाई हदसे ज्यादा ऊपर है।

लोगों का समाज आपाधापी,

जरायम भय कानून उल्लंघन है।

रिश्वतखोरी सिफारिशों का दौर,

न्याय को गुमराह करने का मौर्य,

कहां मिलता किसकी सुनी जाती,

पंचायत में नकद कैश का खेल।

देश में रोटी का बाजार,

जब अमीरों की शान बनता है,

छलकता जाम लाबियों का,

किसानों की आत्महत्या बनता है।


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