बेमौसम का बादल
बेमौसम का बादल
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बादल आज हो गया है पागल
बेमौसम ही बरसा है वो केल,
किसान की बेटी की शादी क्या है
वो भी आ गया लेकर जल का हल,
भूल गया है वो किसानों की मेहनत
गरीबो पर वो भी दिखा रहा है बल,
तुझे मेघ राजा कहा हमने
फिर भी दिल का किया है दलदल,
रात काली थी अमावस जैसी
आज अंधरे ने दिया उजाले को बदल।