बदमीज़ज़ी
बदमीज़ज़ी
रिश्तों मे जब तक
बदमिंजाज़ी हो झगड़े हो
उम्मीद अभी भी बाकी है
और अगर सन्नाटे सा छा जाए
तो मौत हो चुकी है कब उस रिश्ते की।
रिश्तों मे जब तक
बदमिंजाज़ी हो झगड़े हो
उम्मीद अभी भी बाकी है
और अगर सन्नाटे सा छा जाए
तो मौत हो चुकी है कब उस रिश्ते की।