STORYMIRROR

Jeetal Shah

Tragedy Action

4.5  

Jeetal Shah

Tragedy Action

बचपन

बचपन

1 min
306


एक बचपन का जमाना था

जो खुशियों का खजाना था


चाहत चांद को पाने की थी,

पर दिल तितलियां का दिवाना था,


खबर न थी कुछ सुबह की,

न शाम का ठिकाना था,


थक हार के आना स्कूल से,

पर खेल ने भी जाना था,


मां की कहानी थी,

परियों का फ़साना था,


बारिश में कागज की नाव थी,

हर मौसम सुहाना था,


हर खेल में साथी थे,

हर रिश्ते निभाने थे


रोने की वजह न थीं

न हंसने का कोई बहाना।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy