बच्चों के लिए - बाल कविता
बच्चों के लिए - बाल कविता
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अगर न होता सूरज, तो बनता कैसे भोजन।
अगर न बनता भोजन, वृक्ष न रहते जीवंत,
वृक्ष न रहते जीवंत, वर्षा कहीं न होती।
अगर न होती वर्षा, नदियाँ रहती सूखी।
न है प्रकाश न है पानी, भोजन नहीं है बनता।
सोचों फिर हमारा, जीवन कैसे चलता।
जीवन ही न रहता तो अवनी कौन बुलाता।
अगर न होता सूरज, कोई ग्रह भी कभी न होता।