ज़िन्दगी ने हमसे कोई ख़्वाहिश की तो होगी। मुकर जाना करके वादे निभाने के सियासतदानों से उसकी पहचान पुरा... ज़िन्दगी ने हमसे कोई ख़्वाहिश की तो होगी। मुकर जाना करके वादे निभाने के सियासतदानो...
कैसे यह मुमकिन है, तेरे चेहरे पर सुकून की खुशी यूं छाई है। कैसे यह मुमकिन है, तेरे चेहरे पर सुकून की खुशी यूं छाई है।