बातें
बातें


फासले यूँ तो कम ही थे
पर दरमियाँ इतने गलतफहमियां थे क्या बोले
मिलना आज भी रोज होता है
पर दरमियाँ यह दीवारें क्या बोले
बाते हो तो मिलो लिपट जाए
पर बातें होती कहाँ है
फासले यूँ तो कम ही थे
पर दरमियाँ इतने गलतफहमियां थे क्या बोले
मिलना आज भी रोज होता है
पर दरमियाँ यह दीवारें क्या बोले
बाते हो तो मिलो लिपट जाए
पर बातें होती कहाँ है