बातें ना बनाओ सैयां
बातें ना बनाओ सैयां
बातें ना बनाओ सैया
सीधे अंदर आओ रे
जो है गाथा तेरा सैयां
उसको तुम बताओ रे
बातें ना बनाओ सैया !
मुख से क्या बोलते हो
दिल से बोल जाओ रे
आंखों से सारा क़िस्सा
हमसे कह जाओ रे
बातें ना बनाओ सैया !
इधर है वह चंदा सैयां
उधर है वह सूरज रे
किधर है वह धरती तेरी
जिधर है गेह तेरा रे
बातें ना बनाओ सैया !
उतर जाओ मेरे भीतर
जहां गेह तेरा रे
माटी की है भीत सारी
जहां है बसेरा रे
बातें ना बनाओ सैया !
फूस का हो, छत सैया
कान्हा का हो, बारिश रे
मैं झूमू अपने आंगन
राधा सा लगन रे
बातें ना बनाओ सैया !
अब ना लजाउंगी मैं
अब ना मैं मानूंगी
तेरी बातों में सैयां
अब ना मैं आऊंगी
बातें ना बनाओ सैयां !
एक हो गगन सैयां
एक हो सारा मेघ
मेघ के बीच नाचे
फिर एक मीरा रे
बातें ना बनाओ सैया !