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Kavita Sharma

Abstract

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Kavita Sharma

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बारिश की बूंदें

बारिश की बूंदें

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घटाएं छाईं आसमां में 

बच्चों के चेहरे खिल उठे 

बारिश की बरसती बूंदों में 

भीगने वो निकल पड़े 

परवाह नहीं किसी की भी 

अपनी मस्ती में मग्न हैं 

काग़ज़ की नाव बनाकर 

भाग रहे हैं संग संग 

किसकी नाव सबसे आगे होगी 

बस अब तो यह है टक्कर 

उस पल में जीते हैं बच्चे 

सीखाते हैं जीओ हर पल खुश रहकर।


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