बारिश....
बारिश....
गीले मैदान में ढूंढ लिया था एक सूखा कोना,
नींद से ओझल आंखें, और ज़िम्मेदारियां,
मखमली कोनों की तलाश में
वक्त ज़ाया नहीं किया करते।
गीले मैदान में ढूंढ लिया था एक सूखा कोना,
नींद से ओझल आंखें, और ज़िम्मेदारियां,
मखमली कोनों की तलाश में
वक्त ज़ाया नहीं किया करते।