STORYMIRROR

Abhishek Singh

Romance

4  

Abhishek Singh

Romance

बाब नही मिला कोई

बाब नही मिला कोई

1 min
227


बहुत सोचा समझा पर ज़वाब कोई मिला नही 

नींद से जागा तो यहाँ असल ख्वाब कोई मिला नही


मैं चमेली ही ले आया तुम्हारे ख़ातिर

बहुत ढूँढा पर गुलाब कोई मिला नही


बहुत से सहर घुम कर देखें हैं मैंने

पर दिली सा खराब कोई मिला नहीं


मैं जुर्म का इल्जाम लगा देता किसी पे

मगर यहाँ इंसान गरीब कोई मिला नहीं


तुमने आज अपनी बाहों में भरा तो पता लगा

तुम्हारे जितना मुझसे करीब कोई मिला नहीं


सुना था तुम तक आने के रास्ते कई सारे हैं

तुम्हारे घर आया पर वहाँ बाबा कोई मिला नहीं।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance