औरत
औरत
एक बेटी और बहन से लेकर
पत्नी और माँ तक का सफर
जिस पर आस तो सभी रखते हैं
लेकिन विश्वास कोई नहीं
जिस पर हक तो सभी रखते हैं
लेकिन शक करना नहीं छोड़ते
पर फिर भी वो हार नहीं मानती है
अपने ख्वाबों का एक नया जहाँन बसाती है
और अपनी उड़ान से
इतिहास को एक नया आयाम दे जाती है।