अश्कों के मोती
अश्कों के मोती
ले चली में रिश्तों की पोटली संग अपने
तुम भी एक हिस्सा इस पोटली का रखना।
मेरी बचपन की गुड़िया को संभाले रखना
मेरे खेल खिलौनों की टोकरी रखना
मेरे कमरे में मेरी निशानी रखना।
अब है बसाना फिर एक नया जहाँ है
फिर एक नई रिश्तों की पोटली वहाँ है।
मन मे एक कसक हमेशा रहेगी
ये छम छम पायल तेरे आंगन में ना बजेगी।
वो तेरे आँचल के जैसा ना आँचल मिलेगा
ना तेरी डांट में मुझको प्यार दिखेगा।
ना ज़िद होगी मेरी तेरी खुशी
बस दो गज जमीन होगी,
ना खुला आसमान होगा।
ना समझेगा मुझको वहाँ, कोई तेरे जैसे
ना आँखों में कोई ख्वाब बसेगा।
खोलूँगी फिर में मेरे रिश्तों की पोटली
जो अकेले में भी मुस्कुरा देंगी।
हां अश्कों के मोती तो जरूर गिरेंगे
तेरी यादों को ये जीवंत कर देगी।
ले चली में रिश्तों की पोटली संग अपने
तुम भी एक हिस्सा इस पोटली का रखना।