अपना परिचय .. !
अपना परिचय .. !
नाम हमारा पीके त्रिपाठी
पता है गोरखधाम
शुरू कर रहा अपनी बारी
लेकर हरि का नाम
लोग कहें पीके है आया
मैं भी शांत तनिक ना घबराया
पूछें लोग कि क्यों हो पीते
बोला ना पीते तो कैसे जीते
कभी हाशिये पर है जीना
कभी मर्सिया मातम पढ़ना
डरे को डर से क्या है डरना
यहीं है जीना यहीं है मरना
पहले पिया शौकिया यारा
इश्क मुहब्बत ने फिर मारा
महबूबा ने जो मुंह फेरा
मधुशाला में डाला डेरा
इसीलिए तो यारों मैं भी
पीता सुबहों शाम
शुरू कर रहा अपनी बारी
लेकर हरि का नाम।