अनुभूतियाँ
अनुभूतियाँ
वो नवजात के मुख से
उद्धृत प्रथम शब्द,
माँ की ममता
जिसे देख हर्षित स्तब्ध,
वो टहनी से निकला
कोमल सा कोंपल,
जो विकसित हो चुरा लेता है
वाटिका के सौंदर्य पल,
वो अनायास ही मुख मंडल पर ,
खिल जाने वाली मुस्कान,
और वो पसीने से तर काया की,
जब शीतल पवन मिटा दे थकान,
वो गेंहूँ की हरी बाली का,
स्वर्णिम रंग में पक जाना,
ऊष्ण गर्मी से तपती धरा का,
पहली बारिश में सन जाना,
यौवन के जीवन आँगन में,
वो बचपन की स्मृति का मिल जाना,
मधुर क्षणों की उन यादों से,
अतीत की बाँछें खिल जाना,
महसूस कर देखो
ये नि:स्वार्थ सुख की
वास्तविक अनुभूतियाँ !