Rekha Shukla
Abstract Drama
खुला है आसमान यहीं कहीं
सुनी है दास्तान अनकही !!
जला है दिल यहीं भी कहीं
खुली है दास्तान अनसुनी !!
ज़ख़मी सांसे ...
माँ
रूठे
शब्द
एक लम्हां सो ...
पायल
ख़ुदा
रंग कलम से बे...
सैयो
ओ' परवर दिगार...
अनंत समाधी, लगा गए जिज्ञासा की चिंगारी। अनंत समाधी, लगा गए जिज्ञासा की चिंगारी।
तुम निर्विकार, तुम हो विराट जीवन परिभाषित करते हो ! तुम निर्विकार, तुम हो विराट जीवन परिभाषित करते हो !
ना करो गंदगी स्वयं कभी ना करने दो - इतना जानो। ना करो गंदगी स्वयं कभी ना करने दो - इतना जानो।
अपनों से पराया कर देता है यह बड़ा शहर। अपनों से पराया कर देता है यह बड़ा शहर।
नफरत की खाई हमेशा वक्त के गहराती है और तानों की मार से रिश्तों का वृक्ष सुखाती है। नफरत की खाई हमेशा वक्त के गहराती है और तानों की मार से रिश्तों का वृक्ष...
सारे बंधन तोड़, ये पंछी उड़ना चाहे अंतहीन ब्रह्मांड लीन ये होना चाहे। सारे बंधन तोड़, ये पंछी उड़ना चाहे अंतहीन ब्रह्मांड लीन ये होना चाहे।
जब भी मिलना हँसकर मिलना ऐसे ही चुप तुम कभी ना रहना। जब भी मिलना हँसकर मिलना ऐसे ही चुप तुम कभी ना रहना।
लगता है ज़िंदा हूँ, पत्थर का दिल तो धड़कता नहीं ! लगता है ज़िंदा हूँ, पत्थर का दिल तो धड़कता नहीं !
एक अंधी दौड़ का हिस्सा हूँ आज जिनके लिये जिन्दा हूँ, कल उन्ही की कहानियों का किस्सा हूॅं हाँ मैं ... एक अंधी दौड़ का हिस्सा हूँ आज जिनके लिये जिन्दा हूँ, कल उन्ही की कहानियों का क...
यह खंडहर बेजुबान दास्तां सुनाते हैं सब की। यह खंडहर बेजुबान दास्तां सुनाते हैं सब की।
प्रलय का बस यही एक तेरा मेरा समाधान है। प्रलय का बस यही एक तेरा मेरा समाधान है।
रेंग - रेंग कर उड़ना सीखा है मैंने, खुले आसमान में उड़ने दो, रेंग - रेंग कर उड़ना सीखा है मैंने, खुले आसमान में उड़ने दो,
चलो जहरीली बयार में गढ़ते नयी इबारत है। चलो जहरीली बयार में गढ़ते नयी इबारत है।
और मात्र प्रेम की शक्ति से उस पर नियंत्रण कर पाता है। और मात्र प्रेम की शक्ति से उस पर नियंत्रण कर पाता है।
मेरे लिए एक आदर्श जीवन, उनको मेरा शत-शत नमन। मेरे लिए एक आदर्श जीवन, उनको मेरा शत-शत नमन।
मेरे लिए तो जीना भी मरना ही होगा गर मुझे जीना पड़ेगा सनम सिवा तेरे। मेरे लिए तो जीना भी मरना ही होगा गर मुझे जीना पड़ेगा सनम सिवा तेरे।
मेरा उससे न जुड़ेगा, तो मेरा नाम अधूरा है। मेरा उससे न जुड़ेगा, तो मेरा नाम अधूरा है।
उसका मिटाते हैं नामोनिशान, वतन के लिए मर मिटते हैं। उसका मिटाते हैं नामोनिशान, वतन के लिए मर मिटते हैं।
और अंत में अपने जीवन की आखिरी सीढ़ी पर चढ़ा। और अंत में अपने जीवन की आखिरी सीढ़ी पर चढ़ा।
इसलिए मैंने आह्वान किया था पागल बनने को। इसलिए मैंने आह्वान किया था पागल बनने को।