अनमोल जीवन
अनमोल जीवन
साँसो की डोर से बंधा ये जीवन
पंखों-सा फड़फड़ाता ये जीवन
क्षितिज छूने को तरसता ये जीवन
रीति-रिवाजों, तेरे-मेरे से लिपटा ये जीवन
तब ये सब दबोच लेते, अपने पंजों में ये जीवन
उड़ान भरने नहीं देता, दबाव भरा ये जीवन।
राग-द्वेष में फंसा देता ये जीवन
डर-भय में उलझा देता ये जीवन
पिंजरे में कैद हो जाता ये जीवन
फिर किसी को छूने से भी कतराता ये जीवन।
अहम इतने पाल लेता ये जीवन
कि खुद घुट-घुट काटता ये जीवन
मीठे-कड़वे घूंट पी-पी जीता ये जीवन
अपनी ही मानसिकताओं से घिरा ये जीवन।
नीड़ के तिनको में फंसा ये जीवन
अमृत-विष के बीच झूलता ये जीवन
दीवानगी तलाशता ये जीवन
हिरण-सा कस्तूरी के पीछे भागता ये जीवन।
बहुत ही सरल-सा है ये जीवन।
बस राग-द्वेष, हार-जीत, तेरा-मेरा ,
अपना-पराया, रीति-रिवाजों से
मुक्त कर ये जीवन।
पंख अपने आप
लगा लेगा ये जीवन।
सबका सहारा बन ,
मुस्कान-सा महका ये जीवन।
अपने अंतः को जगा,
जग ही जाएगा ये जीवन।
प्यार से प्यारा ,
सब से न्यारा ये जीवन।
भरपूर जी जा
ये अनमोल जीवन।