अनकहे रिश्ते
अनकहे रिश्ते
दस्तक मेरे दरवाज़े पर
चहकने की तुम देती गौरैया
चाय, बिस्कीट लेता मैं
तुम्हारे लिए रखता
दाना-पानी
यही है मेरी पूजा
मन को मिलता सुकून
लोग सुकून के लिए
क्या कुछ नहीं करते
ढूंढते स्थान
गौरैया का घोंसला
मकान के अंदर
क्योंकि वो संग रहती
इंसानों के साथ
हम खाये और वो घर में
रहे भूखी
ऐसा कैसे संभव
दान और सुकून
इन्हें देने से स्वतः
आपको मिलेगा
हो सकता है हम
अनकहे रिश्तों की
वजह से
अगले जन्म में
बने गोरैया
और वो बने इंसान
दोस्ती - सहयोग
कर्म के रूप में
साथ रहेंगे....