अनहद नाद
अनहद नाद
अनहद नाद गुजें
हमारा अहंकार यह
ममकार बन कर
"ऊकार" मधुर नाद !
लोग बाग सहमत
जिसे कहते मनुष्य
दिखे भले शांतिप्रिय
बैठे रहना शांत
होता नहीं स्वभाव
"अनहद नाद" गुजें
हमारा अहंकार यह
ममकार बनकर
"ऊकार" मधुर नाद !
कुछ करते रहना
और होते रहना
लगातार होती प्रवृत्ति
जो मिला है असंतुष्ठ
सदा ही असंतुष्ठ
"अनहद नाद" गुजें
हमारा अहंकार यह
ममकार बनकर
"ऊकार" मधुर नाद !
निरंतर चोला बदल
स्वास्थय सौंदर्य जीवन
चलती रहती योगिता गुप्त
युवा अपनेको नवयुवा
प्रौढ़ खुद को युवा
सिद्ध लगा रहता चेष्ठा
"अनहद नाद" गुजें
हमारा अहंकार यह
ममकार बनकर
"ऊकार" मधुर नाद !
अजीब तब लगता
अनुभव गर्व गौरव
वृद्ध है करता
शतक पार निश्चित
जयकार और आगे
गिनीज बुक पे नाम
"अनहद नाद" गुजें
हमारा अहंकार यह
ममकार बनकर
"ऊकार" मधुर नाद !
दरसल उमर वर्ष
नहीं होती मोहताज
अनुभव जीवन शक्ति
काल की सीमा लांघ
महाकाल तक पहुंच
"अनहद नाद" गुजें
हमारा अहंकार यह
ममकार बनकर
"ऊकार" मधुर नाद !
तेज़ गति आगे अहंकार
अंह बोध आत्मबोध
अस्मिता बन आती
केवल मैं हूं
शास्त्र नकार "ममकार" कहे
"अनहद नाद" गुजें
हमारा अहंकार यह
ममकार बनकर
"ऊकार" मधुर नाद !
केवल मैं भाव
सृष्टि विपरीत नियम
व्यापक असर पड़े
अपनो दूसरो अलावा
फूल पत्ती लता वृक्ष
दिखे संगा संबंधी
"अनहद नाद" गुजें
हमारा अहंकार यह
ममकार बनकर
"ऊकार" मधुर नाद !
भेद भाव का चश्मा उतार
दुई का परदा उठा
भीतर की झंकार
"अनहद नाद" गुजें
हमारा अहंकार यह
ममकार बनकर
"ऊकार" मधुर नाद !
त्यौहार भक्ति भगत
शिवमहारात्रि
तप त्याग व्रत उपवास
ज्ञान आध्यात्तिमक त्यौहार
"अनहद नाद" गुजें
हमारा अहंकार यह
ममकार बनकर
"ऊकार" मधुर नाद !
बादल बरसे बम बम
हवाओं संग संगम
मंगल मंगलमय दिशाएं
उमस गर्मी शाम अमृतवर्षा
"अनहद नाद" गुजें
हमारा अहंकार यह
ममकार बनकर
"ऊकार" मधुर नाद !
निर्मुणी@संजीव कुमार मुर्मू