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Kawaljeet Gill

Romance Others

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Kawaljeet Gill

Romance Others

अंधेरे की आवाज़

अंधेरे की आवाज़

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तनहाइयों का है आलम सन्नाटा सा है छाया चारों और,

यादों के साये दिल से निकल कर नजरों के सामने आए,

सन्नाटे में है वो चिल्ला रहे क्यों हमको भूल गए,

न मशगूल रहो तुम अपनी ही दुनिया में हमको भूल कर,

ना बदलो अपना प्यार तुम कभी हम भी थे तुम्हारे साथी,

भूल कर तुम हमको क्यों अपनी शायरी की दुनिया में खो गए,

हम भी थे तुम्हारे साथी दूर सही पर याद हमको भी कर लो,

पहला प्यार तुम्हारा हम ही है हमको भी मना लो,

कुछ बाते कुछ राज़ हम संग भी साझा कर लो,

हर पल जो तुम खोये रहोगे शेरों शायरी में तो दिल हमारा टूटेगा,

कुछ वक्त तो तुम हमको भी दे दो कुछ चैन की नींद भी सो लो।


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