अलबेली ऋतु
अलबेली ऋतु

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पावस ऋतु आई
हरियाली सब ओर छाई,
नयनों को सुकून देती
प्रकृति नटी इठलाई ॥
फूले सकल तरु पात
झूमी डाल सुकुमार,
आई सोंधी सुगन्ध
मचली मन्द समीर ।
प्रकृति का अनुपम रूप
वर्षा की मन्द फुहार,
मन मोरा मोहे अनूप
यह बौरायी बहार ॥
भीगे तरू झूमें
पुरवा चले सुखदाई,
यह ऋतु अलबेली
लेकर आई मनोहरताई ॥