अकेलेपन से वो डरा नहीं करता
अकेलेपन से वो डरा नहीं करता
लाख खोखला हो गया हो पेड़,
मगर पत्थर मारने से टूटा नहीं करता ।
कितने भी टूट गए हो पंख,
मगर फिर भी बाज उड़ने से रुका नहीं करता।
हुई है आज बारिश बहुत,
हुई है आज बारिश बहुत ,
मगर बिजलियों के चमकने से,
बादल रुका नहीं करता ।
चलाने वाले लाख तीर चलाएं,
जहर बुझे।
चलाने वाले लाख तीर चलाए,
जहर बुझे।
मगर हिम्मती इंसान ऐसे मरा नहीं करता।
मारे हैं ताने बहुत इंसान ने,
मारे हैं ताने बहुत इंसान ने,
मगर सच्चा इंसान तानों से डरा नहीं करता।
छीन लिया लोगों ने सब उसका,
छीन लिया लोगों ने सब उसका,
मगर फिर भी अकेलेपन से वो डरा नहीं करता।।