ऐतबार
ऐतबार
तेरा होना भी
मेरा होने जैसा ही लगता है
सुना है तू सबसे
दो क़दम का
फासला रखता है
तेरे अंदाज़ की सरगोशियां
यूं रुख बदल रही है
मानो कोई परिंदा
आसमान में नही
हवाओं पर चलता है
मेरा क्या है मैं तो
हर हाल में मैं ही रहा हूं
और मैं ही रहूंगा
सोचना तो तुझे है कमबख्त
जो पल-पल बदलता है
मेरे लिए न सही दुआ करो
तुम कभी अपने खुदा से
लेकिन हमारा जो खुदा है
वो तुम्हारी भी दुआ सुनता है
एक बार अमित ने कहा था
तेरा कोई ऐतबार नही है
और मैंने कह दिया था
प्यार भी कभी
किसी ऐतबार पर पलता है।