ऐ मेरे हमराही
ऐ मेरे हमराही
ऐ मेरे हमराही
हम कहां से चले
कहां के लिए
यह पता नहीं
पर रहना मेरे साथ
हर हाल में
संभाल लेना मुझको
जब हारने लगूँ खुद से
थाम लेना मेरा हाथ
जब हिम्मत भी छोड़े साथ
मुसीबत में बन जाना ढाल
ना करके कोई सवाल
मुस्कुराहट मेरी होंठों की बनना
जीवन में खुशियां ही भरना
चमकना मांग की सिंदूर में
खनकना कलाई की चूड़ियों में
बिन बोले ही समझ जाना
दिल की भावनाओं को
कभी मेरी नाराजगी पर
प्यार की बारिश करना
आंखों में मेरी झांककर
ख्वाबों को तुम पढ़ लेना
भटक जाऊं घर राह
हमराही बनकर राह दिखाना
टूट जाऊं मैं अगर
समेट लेना मुझको
टूटे दिल का पूरा हिस्सा
मिलकर बन जाना तुम
मेरे लबों का तबस्सुम
गुरूर मेरा बन जाना
मेरी खूबसूरत कल्पना की
हकीकत तुम बन जाना
अनकही बातें मेरी
तुम समझ जाना
ऐ मेरे हमराही
सदैव हमराह मुझे बनाना।