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Shri kaviraj

Romance

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Shri kaviraj

Romance

ऐ जिन्दगी ! गले लगा ले...

ऐ जिन्दगी ! गले लगा ले...

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आंखों में पानी रुकता नहीं,

और मुझे पहले जैसा कुछ भी,

फील होता ही नहीं,

धुआं बनकर उड़ गये,

मेरे सारे अरमान,

शिकवा करूं किससे,

तू था एक मेहमान,

मैंने तो दिल दिया,

दी तुझे जान,

अब कुछ भी नहीं रहा बाकी,

ऐ जिन्दगी मत ले ईतना इम्तिहान।



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