अहसास की किताब
अहसास की किताब
अहसास की किताबों में
जो स्याही है धुलती नहींं
जो शब्द है मिटते नहींं
जो रंग है वो फीका नहींं हुआ
नया भी नहीं चढ़ा अब तक
क्या तुम्हारे अहसास भी जिंदा है, अभी
या तुम्हारी किताबें बदल गयी है ?
तुमने जो गाये थे गीत कभी, ज़िंदा है
तुमने जो वादे किए, उनपे दिल अब भी संजीदा है
तुमने जो कहा था, मुझसे मोहब्बत है
अब भी यकीन है मुझको उसपे
क्या तुम्हें मुझसे है मोहब्बत, अब भी
या तुम्हारी मोहब्बत के पैमाने बदल गए है?
अहसास की किताबों में
देखना कुछ सूखे फूल तुम्हारे पास भी होंगे
देखना होगा कोई आधा फटा पन्ना
जिसपे कुछ लिखा होगा कुछ मिटा होगा
शायद मेरे दस्तखत वाली जगह अब नहीं होगी
देखना कंही कोई अधूरी फ़ोटो होगी
कुछ सपने होंगे अधूरे
क्या कुछ सपने तुम पूरे कर पाए
या तुम्हारे सपने ही बदल गए है अब ?
अहसास की किताबों को जला देना
क्योंकि जो स्याही है धुलती नहींं
जो शब्द है मिटते नहींं।