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Kavita Sharma

Abstract

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Kavita Sharma

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अच्छाई

अच्छाई

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जीवन में बिखरे हैं कितने सुंदर रंग ‌

हर रंग है ‌ अनोखा खुशियां बांटो इनके संग 

रंग ग्रे सकारात्मकता का है प्रतीक निराला

विजय हमेशा अच्छाई की‌‌ होती है समझाता

कितनी भी कोशिश कर ले बुराई जीत नहीं सकती है

रावण कितना भी ताकतवर हो

पर विजय श्रीराम की ही होती है

हर बार बुराई पर अच्छाई ही जीतेगी

कलयुग में भी धर्म की विजय ही होगी 


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