अभी बहुत दूर जाना है
अभी बहुत दूर जाना है
ये क्या की उससे दूर होकर मुंह फुलाए बैठे हो
अभी तक हिज़्र को दिल से लगाए बैठे हो
वो है की वहाँ अपने बच्चों के जन्मदिन मना रहा
तुम हो की यहाँ खुद को पागल बनाए बैठे हो
उठो! मेरी जान की अभी बहुत दूर जाना है
एक शख्स से हार के बैठे हो आगे ज़माना है
जख्म तुम्हारे दिल का यहाँ कोई न देखेगा
खुद ही अपने जख्म पे तुम्हें मरहम लगाना है