अब रस से क्या लेना
अब रस से क्या लेना
अब रस से क्या लेना-
रसना से क्या लेना-
जब साथ तुम्हारा हो-
दुनिया से क्या लेना ।।
प्रेम का पंक्षी हो जब,
दिल के हर कोनों में ,
यादों के आंचल में-
वादों से क्या लेना ।
जब साथ तुम्हारा हो,
दुनिया से क्या लेना ।।
अब रस से .............।।
चाहत का मधुवन जब,
हो माली के आंगन में ,
भौरों का गुंजन हो -
कलियों से क्या लेना ।
बस साथ तुम्हारा हो -
दुनिया से क्या लेना ।।
अब रस से .............।।
मैं तो एक राही हूॅ-
पथ से मतलब है ,
कितना भी टूटा हो
मोड़ों से क्या लेना ।
बस साथ तुम्हारा हो ,
दुनिया से क्या लेना ।।
अब रस से क्या लेना,
रसना से क्या लेना ।
बस साथ तुम्हारा हो,
दुनिया से क्या लेना ।।
दुनिया से क्या लेना ।।