"आया कोरोना"
"आया कोरोना"
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छल-कपट से भरे इस संसार में
कुछ ठंडी हवा का झौंका सा
आया कोरोना।।
कुछ क्षण को ही सही
एक-दूसरे के प्रति करुणा तो जगी।
जिन्हें खबर भी ना होती थी
सुख-दुःख की, यूं दूर थे।
आया कोरोना।।
आपस में मधुर संबंध हो रहे घर में
रिश्ते भी खोजने लगे मायने।
दरकते हुये रुक गये अचानक
भर गई दरार शक-सुबहा की।
आया कोरोना।।
अमानवीय छवि पुलिस की बदल गई
आज सभी को प्यारे हो गये।
खून चूसते हैं डॉक्टर कहते थे लोग
आज देवता सम पुज गये।
आया कोरोना।।