"आसमा की खुशी"
"आसमा की खुशी"
आसमा में टूटे तारे से
वो खुशी मांग लाऊँ
मन हो मेरा पुलकित
मन ही मन मैं इतराऊँ
घने घने ये बादल
कहीं दूर दूर से आये हैं
सर्द हवाओँ के झोको से
नया संदेशा लाये हैं
गरज उठे चहुंओर ये
शीतल बूंदों का अहसास है
सूखे उन बागानों में
अमृत सी ये प्यास है
चांद छुपे बादल में
अंधेरा छा जाता है
टिमटिमाते तारों का
जब झुंड नज़र आता है
घना घना ये बादल
उमड़ा नज़र आता है
बरसे हैं जब जब मेघा
तब हरा-भरा नज़र आता है।