आशिक़ों का ईमान बिकता नहीं..!
आशिक़ों का ईमान बिकता नहीं..!
एक पल को भी चैन अब मिलता नहीं....
बिन सूरज कि किरणों के फूल खिलता नहीं....
हर शख़्स में होती हैं काबिलियत, कुछ ना कुछ,
ये बात औऱ हैं,
कि कुछ दिखता नहीं....
कोई छुपाके भी दिल का राज़ कह देता हैं,
औऱ कोई कहके भी छुपा लेता हैं,
गज़ब का बाज़ार हैं यहां,
यूँ ही ख़रीद लेते होंगे,
लोग लोगों को,
मगर सच तो ये हैं कि हम आशिक़ हैं,
औऱ आशिक़ों का ईमान बिकता नहीं....
एक पल को भी चैन अब मिलता नहीं....
बिन सूरज कि किरणों के फूल खिलता नहीं....