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Dippriya Mishra

Romance

4.0  

Dippriya Mishra

Romance

आप जाने लगे

आप जाने लगे

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चाँद तारें अभी दिल जलाने लगे,

रूठ कर आप क्यों यार जाने लगे।


दुश्मनों की तरह पेश आने लगे,

मीत क्यों राज दिल में छुपाने लगे।


साथ चलने का वादा सनम झूठ था,

रात बीती नहीं आप जाने लगे।


हमसफर तो वही साथ जो चल सके,

चँद कदम पर अजी लड़खड़ाने लगे।


मौत आती कभी है वक़्त बेवक़्त,

हर घड़ी अब मुझे क्यों डराने लगे।


आशिक़ी  रंग लायी जले 'दीप' हैं,

 शोख झोंके हवा के बुझाने लगे।



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