आओ घमंड-भाव का परित्याग करें
आओ घमंड-भाव का परित्याग करें
आओ घमंड-भाव का त्याग हम करते हैं।
अपने इस जीवन को प्रभु के चरणों में धरते हैं।।
खाली झोली देखो हम खुशियों से ही भरते हैं।
हमसे गुनाह न हो जाए बस इस बात से डरते हैं।।
खूब कर्म करते हुए हम तो मुसकुराते हैं।
देखने वाले हैरान होते, जल-जल वो जाते हैं।।
समूह में अब तो देखो हम अपना मन लगाते है।
तन से खूब काम लेकर मन को Strong बनाते हैं।
फिर सामने वाला हमको समझे Wrong हम नहीं घबराते हैं।।
ईर्ष्या-द्वेष की भावनाओं को जड़ से ही मिटाते हैं।
केवल स्नेह भरा शुभ संदेश आप तक पहुंचाते हैं।।
राह में आते-जाते हम तो सबको गले लगाते हैं।
अपने-पराए में न कोई भेद बस यही समझाते हैं।।
खेद हमें सिर्फ इस बात का हंसकर कोई न मिलता है।
आज Whatsapp का ज़माना Wish भी इसी पर करता है।।
अंग्रेज़ी की Wish यहाँ हिंदी का विष लगता है।
आज सारा ज़माना ऐसे कड़वे ज़हर पीता है।।
तभी तो वर्तमान में ईर्ष्या खूब पनप रही।
बेवजह, बेझिझक, झड़प ऐसी देखो हो रही।।
अब तो इस संसार को बस एक सबक सिखाना है।
अपनेपन का अहसास हर किसी को पाना है।।
ईश्वर की अरदास कर ऐसा अलख जगाना है।
प्रेम की गंगा में डुबकी सबको लगाना है।।
अपने-अपने कर्मों का हिसाब यहीं हो जाना है।
फिर आखिर इस धरा को ही स्वर्ग क्यों न बनाना है।।
प्रेम का सुंदर पैगाम आप तक पहुँचाना है।
आज अभी इस समय प्रण ऐसा हमें लेना है।।
केवल प्यार के ही बीज हमको दिलों में बोना है।
हाँ जी, हमको मनों में बोना है, हमको हृदय में बोना है।।