आओ चाशनी घोलें
आओ चाशनी घोलें
जिनके जीवन सुख नहीं
जाता जिनका दुख नहीं,
बांध उन्हें प्रेमपाश में
प्रेम के दो शब्द बोलें,
आओ चासनी घोलें।
जीवन का जिनका हर गीत नीरस
जीवन मे जिनका मनमीत नीरस
बांध उन्हें हम प्रेमराग में,
कानों में मधुर रागनी डोलें,
आओ चाशनी घोलें।
खुदा ने जिनको कम दीए हैं
अपनो ने जिनको गम दीए हैं
बांध उन्हें हम सुख-साध में,
कुछ पल उनका हो लें,
आओ चाशनी घोलें।
जिनके बच्चे अकुलाते हैं,
भूख में रोते हैं चिल्लाते हैं
बांध उन्हें पकवान में,
दृष्टि प्रेम की खोलें,
आओ चाशनी घोलें।
जहाँ जात पात व भेदभाव हो,
जहाँ शोषित व अभाव हो,
बांध उन्हें हम समभाव में,
एक न्याय तराजू तोलें,
आओ चाशनी घोलें।
जिनको धरती खूब पसंद है,
जिनको आसमाँ खूब पसंद है,
बांध उन्हें हम प्रकाश में,
खुद चांदनी बोले,
आओ चाशनी घोलें।