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डॉ. रंजना वर्मा

Abstract

4.0  

डॉ. रंजना वर्मा

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आने वाला पल

आने वाला पल

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लम्हा लम्हा करते 

वक्त गुजर जाता है

जाता है जो पल वह 

लौट नहीं पाता है।


जैसे तैसे कर के 

एक वर्ष कट गया

वक्त की तिजोरी से 

एक साल घट गया।


यादों की पूंजी से

स्वयं को सुधार लें।

आने वाला हर पल 

प्यार से गुजार लें।।


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