"आलसी कामचोर"
"आलसी कामचोर"
जो लोग होते हैं,आलसी कामचोर
वो लोग बहाने बनाते हैं,नित रोज
जो गले मे डाले होते हैं, मेहनत डोर
वो आलस्य दीवार तोड़ते है,नित रोज
उन्हें ही मिलता है,ख्वाबो का मोर
जिनके कर्म इरादों में होता है,सोर
वो आसमां के तारे भी लाते हैं,तोड़
जिनके बाजुओं में होता है,बड़ा जोर
पर जिनकी नीयत में होता है,खोट
वो कभी नही पाते,भीतर सुकूँ मोड़
जो लोग होते है,आलसी कामचोर
उन्हें उजाले में दिखता,तम घनघोर
पर जो होते है,दृढ़ मेहनती मुंहजोर
वो अमावस में लाते पूनम हर ओर
उनके लिये निशा गाती गीत,रोज
जो अंधेरे को भी समझते है,भोर
उनके लिये क्या रात और क्या दिन
उनके लिये,हरपल कीमती है,बहोत
जिन्होंने लक्ष्य सांसो से लिया है,जोड़
उन्हें मिल ही जाता है,लक्ष्य एकरोज
जो लोग होते है,आलसी कामचोर
वो लोग लेते है,बहानेबाजी की ओट
जो बिन कुछ किये चाहते,धन बहोत
वो लोग निहायत है,धरती के बोझ
कर्मवीरों की हो जाती है,उसदिन मौत
गर ख्वाबो में भी आये,आलस्य चोर
गर कुछ बनना है,छोड़ दे होड़ाहोड़
अपने किये से आयेगा,सफलता मोड़
यूं ताकने से न मिलेगा लक्ष्य मुंहजोर
छोड़ आलस्य,कर्म कर इतना दोस्त
ख़ुदा भी कहे,क्या रजा है,तेरी बोल
तूने बंदे मेहनत नीर पिया है,बहोत
आज पत्थर को दे,रहा ऐसी चोट
कठोर श्रम से पिघला,लक्ष्य मोम
सफलता आ गई है,तेरे पास दौड़
कर्म में छिपा हुआ है,चुम्बक लौह।