STORYMIRROR

Rahulkumar Chaudhary

Inspirational

3  

Rahulkumar Chaudhary

Inspirational

आखरी सच

आखरी सच

1 min
264


तख्त ताज़ सब इस जमीं पर रह जायेंगे 

पत्थर मील के अनकही दास्ताँ कह जाएँगे। 


हुई जो आँखें बंद, दुनिया हमें भुला देगी 

अश्क आँखों के कुछ दिन ज़रूर बह जाएँगे। 


बोले हैं मीठे बोल हमने यहाँ इक दूसरे से 

बाद हमारे केवल वही तो यहाँ रह जाएँगे। 


ऊँचे महल चौबारे बनवाए यहाँ कितनों ने 

संग लहरों के वे भी इक दिन ढह जाएँगे। 


दिए जा रहे हैं दर्द हमको अपने ही बेशुमार 

आखिरी दम तलक सभी हम सह जाएँगे। 


बोले हैं मीठे बोल जो यहाँ इक दूसरे से 

बाद हमारे केवल वही तो बस रह जाएँगे।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational