आखरी ख्वाइश सिर्फ तुम ही
आखरी ख्वाइश सिर्फ तुम ही
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बहुत कुछ पा लिया जिंदगी में
कोई ख्वाहिश ना रही अधूरी
जो भी चाहा वह मिला मेरे प्रभु जी
हर परेशानी दूर की मेरे प्रभु जी।
वक्त ने कई -कई रूप बदले
सुख दुख आते जाते रहते
दुख के पल टिकने से पहले
तुमने सदा प्रभुजी दूर हटाए।
जीवन संध्या आन पड़ी है
अब एक ही ख्वाहिश बची है
तुम्हारी भक्ति में ही दम निकले
तुम्हारी शरण में ही स्थान मिले।
नमः शिवाय का पाठ करूंँ दिन रात जी
आखिरी ख्वाइश अब तुम हो प्रभु जी
हर पल बस तुम्हारा नाम जपूँ जी
दर्शन दो,कर दो आखिरी ख्वाहिश पूरी जी।