आईना
आईना
सच्चाई ना बता सके वो आइना किस काम का,
झूठ को सच बता दे वो अफसाना किस काम का।
मुसाफ़िर के साथ चल रहा हो काफला मंजिल
तक ना ले जाए वो काफिला किस काम का।
पास हो या दूर दिलबर तो रहता है दिल के करीब,
दूरियां फिर भी समझे वो दिलवर किस काम का।
मुश्किलों के दौर में मशवरे मिलते हैं बहुत,
दूर ना मुसीबतों को कर दे वो मशवरा किस काम का।
वायदे, कसमें निभाने की खाते हैं सब,
<p>जिंदगी भर जो रूलाये वो वायदा किस काम का।
चलते फिरते के होते हैं सब साथी,
बुढ़ापे पे काम जो ना आये वो साथी किस काम का।
दुख तकलीफ के आंसुओं को पहचानते हैं सब,
जो खुशी के आँसू की पहचान ना बताए वो सज्जन किस काम का।
मुफ्त की सलाह देता है हर कोई सुदर्शन,
जो दुख तकलीफ में काम ना आए वो रिश्ता किस काम का।
खाते-पीते के हजारों हैं,
दोस्त, जो गुरबत में काम ना आए वो दोस्त किस काम का।