आईना
आईना
अगर आईने में चित्र की जगह चरित्र दर्शन होते
तो दुनिया बिल्कुल बदली- बदली नजर आती
छल-कपट के प्रपंच न किसी को दिखाई देते
रामराज्य की झलक फिर से हर ओर नजर आती
विश्वास व प्रेम की डोर से बंध स्वर्ग का सुख पाते।
अगर आईने में चित्र की जगह चरित्र दर्शन होते
तो दुनिया बिल्कुल बदली- बदली नजर आती
छल-कपट के प्रपंच न किसी को दिखाई देते
रामराज्य की झलक फिर से हर ओर नजर आती
विश्वास व प्रेम की डोर से बंध स्वर्ग का सुख पाते।