आई सावन की बहार, झूम उठा दिल।
आई सावन की बहार, झूम उठा दिल।
सावन माह में है काले बादल,
रात अंधेरी है, कोहरे की आवाज
बार-बार बज्र ने इंसान को डरा देता हैं।
आई सावन की बहार, झूम उठा दिल।
मेरी प्यारी प्रेमिका कहाँ है, उसके लिए दिल दुख रहा है।
बज्र और बिजली ने मुझे उसके पास जाने से रोक दिया।
वह मेरे प्यार के बारे में सोच रही होगी
शायद वह थक गई है सोचते हुए,
वह मेरे साथ मुलाकात करने के लिए
व्याकुल हैं।
आई सावन की बहार, झूम उठा दिल।
पूरा प्रकृति पर व्याप्त अँधेरा,
धुएँ की एक चादर प्राकृतिक दृश्यों को निगल जाती है।
बारिश लगातार हो रही है,
बारिश की आवाज सिर्फ खामोशी और अकेलेपन में सुनाई देती है।
प्यार और प्रेमिका का ख्याल दिल पर वार कर रहा है।
आई सावन की बहार, झूम उठा दिल।
जंगल का रास्ता अँधेरे के कारण ख़तरनाक है,
लेकिन दिल उसके चेहरे को कैसे भी देखने के लिए बेताब है।
सियार की चीख, फुटपाथ पर कुत्ते का भौंकना एक भयावह तस्वीर पेश करता है।
आई सावन की बहार, झूम उठा दिल।
हालाँकि श्रावण का महीना जबरदस्त लगता है।
बीतती रात में मुझे अपने माथे पर अपनी प्रेमिका का स्पर्श महसूस होता है,
जब बारिश मुझ पर गिरती है और मुझे गहरे प्यार से भिगोती है।
आई सावन की बहार, झूम उठा दिल।