आहिस्ता चल
आहिस्ता चल
मुश्किल से आए हैं ये पल,
ए वक़्त तू आहिस्ता चल।
बरसों गुजारे राह तक,
आई मिलन की अब घड़ी
ना यूँ सता मुझको तू अब
ए वक़्त तू आहिस्ता चल।
हर एक ख्वाहिश अपनी हमने,
कैद की हर एक दिन,
आये रिहाई के हैं पल,
ए वक़्त तू आहिस्ता चल।
पतझड़ से जीवन में मेरे आयीं
बहारें झूम कर,
तू भी मुस्कुरा ले चंद पल,
ए वक़्त तू आहिस्ता चल।
एक मुद्दत की तड़प है,
कैसे यूं बुझ जाएगी,
जब तक बुझे ना प्यास अब,
ए वक़्त तू आहिस्ता चल।
मेरी जिंदगी सदके तेरे,
मेरी प्रीत को मंजिल मिली,
ना अब लगे इसको नजर,
ए वक़्त तू आहिस्ता चल।
मुश्किल से आए हैं ये पल
ए वक़्त तू आहिस्ता चल !