आयी ऐसी शाम थी मैं मोम सा जल जल पिघल रहा था! आयी ऐसी शाम थी मैं मोम सा जल जल पिघल रहा था!
रूठ कर तुम चली न जाना गिले शिकवे हों कोई तो बैठ सुलझाना । रूठ कर तुम चली न जाना गिले शिकवे हों कोई तो बैठ सुलझाना ।